Zindagi Ka Sach Shayari : ज़िंदगी का परम सच तो सब जानते है, बस हम उसे अनभिज्ञ होते है, हर किसी की ज़िंदगी का मकसद अलग अलग होता है, और उनके सघर्ष भी अलग-२ होते है, और ज़िंदगी की हक्कीत से सब रूबरू है। चलिए पड़ते है कुछ शायरी जो हमे ज़िंदगी की हक्कीत से रूबरू कराएगी।

Zindagi Ka Sach Shayari
Zindagi Ka Sach Shayari

जिंदगी जब बँड बजाने लगे तो,
उस पर नाचना सिखो,
क्योकि ऐसे अनचाहे शोर से,
बचने के लिए,
कानों प रहाथ रखना,
इंसान को बंदर बना देता है,
वो बन्दर जिसको बाहरी शोर,
से फरक पड़ता है,
जिसे दुनिया जैसा चाहे नचा सकती है,
तो इस से पहले की कोई हमे नचाए,
हमे खुद अपनी ज़िंदगी की धुन पर,
नाचना होगा।

Zindagi ki haqeeqat Shayari

Zindagi ki haqeeqat Shayari
Zindagi ki haqeeqat Shayari

जो लोग ज़िंदगी में,
नरक यातनाओ का सामना करते है,
इसी ज़िंदगी में स्वर्ग भी,
कही न कही,
उन्हें हे नसीब होता है।