Shayari On Bachpan – जहां अपना बचपन बीता – बचपन की यादें
Shayari On Bachpan: अगर में अपने जीवन की बात करू और कोई मेरे से पूछे आपके जीवन में आपके सबसे यादगार पल कौन से है में सबसे पहले Childhood को याद करता हु, जब हम छोटे होते थे न किसी चीज़ की Tension होती थी न किसी चीज़ का डर बस एक चीज़ दिमाग में होती थी आज कैसे मस्ती करनी है और क्या खेलना है | जब भी हम अपनी बचपन की यादो को याद करते है एक मुस्कराहट जरूर आती है.

Mera Bachpan Shayari
चलो उस गलियों से होकर गुजरते है ,
जहां अपना बचपन बीता,
उस बचपन के दोस्तो से मिलते है,
जो आज एक कॉल पे आते है
उस खिड़की को देखते है,
जहां वो खड़ी रहती थी
अरे वो बला लाओ जिससे हम सचिन खेलाते है,
आज उसी से इनको खेलाते है
चलो उस गलियों से होकर गुजरते है,
जहां अपना बचपन बीता।
Bachpan ki Yaade Shayari
क्यों कर रही बारिश सरारत ऐसे,
भिगो रही मेरे सारे जज्बात कैसे
दिन बीत गए, महीने ,साल चले गए
पर आज भी वो जज्बात बिखरे हुए हैं
हर लम्हा थम कर ऐसे बैठा है
मानो कल ही तो बीता है
तब भी उसकी बाहों में हम भीगे थे
और आज भी उसकी यादों मै भीगे है।