इलज़ाम शायरी – कुछ बेवजह इल्जाम -Ilzaam Shayari

विषय-सूची
Ilzaam Shayari
कुछ बेवजह की साजिशें ,
कुछ बेवजह इल्जाम है ,
दर्द बस अपने दे रहे हैं,
वह बेवजह बदनाम है।
Ilzam shayari in hindi
बेवजह के इल्जाम का अंजाम अब यह हो रहा है ,
जो इंसान कभी अच्छा था वह भी गुनाह कर रहा है।
Shayari on Ladki ki izzat karo
आजकल वह लोग हमें इज्जत करना सिखा रहे हैं ,
जिन्हें अपनी इज्जत के आगे,
दूसरों की इज्जत की परवाह नहीं होती।
गैरों पर शायरी
जब अपनों ने ही हमे गुनहगार बना दिया,
तो गैरों से क्या उम्मीद रखूं।